2, Sacchi Bhoot Ki Kahaniyan

Bhoot ki kahaniyan  हमेशा से ही लोगों को रोमांचित करती रहती हैं। सबको bhoot ki kahaniyan अच्छी लगती हैं और हम हमेशा नई-नई bhoot ki kahaniyan सुनने को तैयार रहते हैं।

हिमाचल के कण-कण में देवी देवताओं का वास है तो क्या ये भी कहा जा सकता है कि हिमाचल में भूतों का भी वास है। लोग कहते हैं कि सुबह है तो शाम भी है, दिन है तो रात भी है, सच है तो झूठ भी है उसी तरह अगर देवता हैं तो दानव भी हैं…तो अगर भगवान हैं तो फिर भूत क्यों नहीं? खैर भूत  होते हैं  या नहीं ये बात हम तब तक नहीं कह सकते जब तक हम खुद उन्हें ना देख ले… लेकिन आप कभी किसी ऐसे इंसान से मिले जिसका सामना भूतों से हुआ हो तो यकीन मानिये भूतों पर विश्वास होने लगता है।

आज के इस लेख में मैं आपको दो ऐसी bhoot ki kahaniyan बताऊंगा जिनमें विश्वास करना आपके लिए भी मुश्किल होगा, लेकिन यकीन मानिए ये bhoot ki kahaniyan बिल्कुल सच्ची हैं,  इनमें से एक bhoot ki kahani मेरी बहन के साथ घटी है। ये bhoot ki kahaniyan आपको अवश्य  डरा देंगी तो जरा दिल थाम के पढ़िए।

पुल के नीचे वाले Bhoot Ki Kahaniyan

पपरोला वाले पुल के  bhoot ki kahani मुझे मेरे एक दोस्त ने सुनाई थी। ये darawani kahani मेरे दोस्त के दोस्त “जिगर” के साथ घटी थी।  बैजनाथ और पपरोला के बीच में एक नदी बहती है जिसका नाम है बिनवा नदी, इस नदी पर तीन पुल एक साथ बने हुए हैं, एक पुल पैदल यात्रियों के लिए, एक यातायात के लिए और एक पुल ट्रेन के लिए बना हुआ है। पपरोला के इन पुलो के नीचे कई बार आवारा लाशें मिली हैं।

जिगर दिल्ली का निवासी है और वो एक बार 2015 में छुट्टियां मनाने के लिए Bir Billing आना चाहता था। उसने दिल्ली से बस बुक कर ली और वो बस में बैठ गया। दुर्भाग्य से उसकी बस करनाल के पास खराब हो गई और उसने कोई अन्य बस पकड़ ली | जब बस चंडीगढ़ सेक्टर 43 पहुंची तो रात हो चुकी थी | उसने वहाँ से  कांगड़ा के लिए बस पकड़ ली,  वो करीब 12 बजे रात को कांगड़ा पहुंच गया। बैजनाथ के लिए कोई बस वहाँ नहीं थी |

पास में चाय की एक दूकान खुली थी तो उसने सोचा चाय पी लेता हूँ, उसे चाय की दुकान पर एक गाड़ी वाला मिला और बातों-बातों में उसे पता चला कि वो गाड़ी वाला भी बैजनाथ की तरफ जा रहा था।

गाड़ी वाले से बात करके जिगर गाड़ी में बैठ गया। गाड़ी वाले ने उसे बताया कि वो सिर्फ पपरोला तक जाएगा उसके आगे जिगर को कोई और साधन देखना होगा। जिगर ने सोचा टाइम वेस्ट करने से अच्छा है वो जल्दी अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा। करीब 2 बजे ये दोनों पपरोला पहुंचे और गाड़ी वाला जिगर को उतार के अपने घर की और निकल गया।

जिगर ने 10-15 मिनट इंतजार किया फिर सोचा बैजनाथ अब सिर्फ 1.5 किलोमीटर दूर  है तो क्यों ना मैं पैदल ही चल दूँ ,  गाड़ी वाले ने उसे बताया था कि पपरोला से बैजनाथ के लिए पैदल रास्ता भी है। जिगर ने चलना शुरू किया और 10 मिनट बाद वो पुल के पास पहुंच गया। उसने पुल पार किया और चढ़ाई  शुरू की तभी उसे एक अजीब सी ठंडक का एहसास हुआ | 

पुल के नीचे कौन था ?

उसने सोचा कि मैं थक गया हूं थोड़ा रुक लेता हूं। उसने देखा कि चांद बिकुल सिर पर था और सब साफ नजर आ रहा था। जैसे ही उसकी नजर यातायात  वाले पुल पे पड़ी तो उसने देखा कि वहां कोई उल्टा लटका हुआ है। पहले उसे लगा कि ये उसका वेहम है पर तभी उसने देखा कि वो आकृति उसकी तरफ आ रही है। जिगर को बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे।

जिगर डरा हुआ झट से आगे की और मुड़ा और तेज़ तेज़ चलना शुरू कर दिया। उसकी हिम्मत नहीं हुई के वो मुड़ के दोबारा पीछे देखे। हनुमान चालीसा का जाप करते वो रास्ते के अंत में पहुंच गया जहां ये पैदल रास्ता पक्की सड़क से मिल जाता है। तभी उसे सड़क से एक गाड़ी आती हुई दिखाई दी। जिगर गाड़ी को देख खुश हुआ और उसने लिफ्ट के लिए हाथ आगे बढ़ाया। गाड़ी वाले ने गाड़ी रोक दी |  गाड़ी में तीन लोग सवार थे एक जेंट्स और दो लेडीज़।

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क्या गाड़ी में सचमुच भूत थे ?

उसने गाड़ी वाले से कहा कि आप मुझे बैजनाथ बस स्टैंड तक छोड़ देंगे। ड्राइवर ने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन खिड़की खोल दी। जिगर बिना कुछ सोचे गाड़ी में बैठ गया उसके दिमाग में अभी तक वो पुल वाली आकृति घूम रही थी। उसने गाड़ी की खिड़की बंद की और कहा कि चलो। गाड़ी बिल्कुल भी अपनी जगह से नहीं हिली।

तभी जिगर ने उन्हें फिर कहा कि क्या हुआ आप चल क्यों नहीं रहे हो। उसने ध्यान से देखा कि कोई जवाब नहीं दे रहा था और वो तीनो मौन होके सिर्फ जिगर को घूर रहे थे। जिगर को समझने में वक़्त नहीं लगा कि यहाँ भी कुछ गड़बड़ है। वो जल्दी से गाड़ी से उतर गया और उसने आगे की तरफ तेज़ दौड़ लगा दी। वो तब तक दौड़ता रहा जब तक वो बैजनाथ बस स्टैंड नहीं पहुंच गया। बैजनाथ बस स्टैंड पहुँचने के बाद जिगर को थोड़ी राहत मिली, पास ही में खड़े एक टैक्सी वाले से उसने पानी माँगा और उसी टैक्सी में बैठ के बीड़ के लिए निकल गया।

उसने टैक्सी वाले से बात की तो पता चला कि उस पुल के आस-पास कई हत्याएं और दुर्घटनाएं हुई हैं।  अक्सर कई लोगो ने पुल वाले  bhoot ki kahaniyan उसे सुनाई हैं। जिगर को यकीन नहीं हो रहा था के ये real horror story उसके साथ घटित हो चुकी थी । उसने कसम खा ली थी कि आगे से वो कभी रात को हिमाचल में नहीं घूमेगा, क्यूंकि वो दोबारा ऐसी bhoot ki kahaniyan महसूस नही करना चाहता था |

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नर्सिंग कॉलेज के bhoot ki kahaniyan

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ये दूसरी bhoot ki kahani मेरी बुआ की बेटी “रूही ” के साथ घटित  हुई है, इस bhoot ki kahani पे भी विश्वास करना मुश्किल सा लगता है लेकिन ये एक real horror story है । रूही  ने स्कूल की पढ़ाई खत्म करके जोगिंद्रनगर के एक निजी कॉलेज में नर्सिंग के कोर्स में दाखिला लिया था। सितम्बर के महीने में कॉलेज में क्लास शुरू होनी थी। रूही अपनी कॉलेज लाइफ और हॉस्टल लाइफ के लिए बड़ी उत्तेज़ित थी | 

रूही हमेशा से हॉस्टल लाइफ का मजा लेना चाहती थी। जब हम रूही को उसके हॉस्टल छोड़ने जा रहे थे तो वो बड़ी खुश थी। जहां एक तरफ उसके माता पिता उसकी चिंता कर रहे थे वहीं रूही  अभी से अपने कॉलेज लाइफ के ख्यालों में डूबी हुई थी। हॉस्टल में उसका सब सामान सेट करने के बाद हम रूही को बाय बोल के घर वापस आ गए।

अगले दिन क्लास के बाद जब शाम को रूही ने हमें फोन किया तो उसने बताया कि पिछली रात वो और उसकी नई सहेलियां देर रात तक बातें करती रही, उसने बताया कि उन्होंने रात को हॉस्टल के कॉमन वॉशरूम से कुछ अजीब सी आवाजें भी सुनीं। रूही की मम्मी ने सोचा के वो फिर कोई मजाक कर रही है और डांटते हुए कहा कि तू फालतू बातें मत कर या सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे या टाइम से सो जया कर।

ये आवाज़ें किसकी थी ?

अगले दिन फिर क्लास के बाद रूही ने मुझे फोन किया या कहा के भैया हमने वो आवाजें आज भी सुनीं। मैंने भी उसकी बात को कोई मजाक समझा के टालना चाहा पर थोड़ी ही देर में रूही की सहेली ने भी मुझसे बात करके यहीं बताया कि वो लोग सच बोल रहे हैं। 

मैंने भी उनसे पूछा कि किस तरह की आवाजें आती हैं, क्या तुमने जाकर कुछ देखा, या फिर तुमने अपने सीनियर्स से बात की। रूही की सहेली ने मुझसे कहा कि उन्हें अभी खुद समझ नहीं आ रहा है कि ये सब सच में हो रहा है या फिर कोई उनके साथ मजाक कर रहा है। काफ़ी देर बात करने के बाद मैंने उन्हें कहा कि वो आज रात ध्यान से सुने और जब आवाज़ें आने शुरू हों तो उसी वक़्त दूसरे कमरे में जाके भी सुनने की कोशिश करें।

अगली शाम फिर रूही का कॉल आता है, वो कहती है कि पिछली रात तो आवाज़ें और तेज़ थी और उसके हॉस्टल की अन्य लड़कियों ने भी ये आवाज़ें सुनीं। वो काफी डरी हुई लग रही थी। ये लड़कियाँ पिछले 3-4 दिनो से ठीक से सोई नहीं थी। मैंने रूही से कहा कि वो तुरन्त अपनी वार्डन से बात करे।

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वार्डन से बात करने पर वही हुआ जो होता है। वार्डन ने इंकार कर दिया कि आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ और ये सब उन लोगों का वहम है। एक बार फिर रात हुई और सब नई लड़कियाँ सहमी हुई थी। रात को फिर आवाज़ें आना शुरू हुई। तभी रूही और  उसकी सहेलियाँ एक सीनियर लड़की के रूम में चली गई और उससे सच जानने की बड़ी कोशिश की।

आख़िरकार एक सीनियर लड़की ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि ये आवाज़ें हमेशा से ही आती हैं। तुमने उस लड़की की आवाज़ सुनी जिसने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। उन्हें कॉलेज प्रशासन ने सख्त मना किया था कि वो ऐसी कोई अफ़वाह न फैलाएँ, जो भी ऐसी कोई बात करता हुआ पकड़ा जाएगा उसे सस्पेंड कर दिया जाएगा।

रूही और उसकी सहेलियों को यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है। उनका डर बिल्कुल सच निकला अभी तक उन्हें लग रहा था कि शायद ऐसा कुछ नहीं होगा। लेकिन अपने सीनियर्स के मुंह से  ये  darawani kahani सुन के उनके होश उड़ गए। सीनियर्स ने ये भी कहा के ये आवाजें कभी अपने आप बंद भी हो जाती हैं और फिर कुछ दिनों बाद दोबारा आने शुरू हो जाती हैं। वो रात रूही और उसकी सहेलियों ने जागकर काटी |

अगले दिन रूही ने फिर फोन पे सारी बातें मुझे सुनाईं। मेरे लिए भी  इस  bhoot ki kahani पे यकीन कर पाना बड़ा मुश्किल था। रूही बहुत डरी हुई थी उसने कॉलेज तक छोड़ने का इरादा बना लिया था। लेकिन मैंने उसे  समझाया कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा और उसके सीनियर्स भी हॉस्टल में रह रहे हैं, उन्हें आज तक कुछ नहीं हुआ तो तुम्हें भी कुछ नहीं होगा और साथ ही सब लड़कियाँ मिलकर इस बात का समाधान ढूंढे |

वाशरूम में कौन था ?

समय निकल गया और  लड़कियों ने कॉलेज  प्रशासन पर दबाब बनाना शुरू कर दिया। एक दिन रात को ये आवाज़ें फिर आनी शुरू हुई और इस बार लड़कियों ने निश्चय किया कि हम सब मिलकर उस वॉशरूम में जाके देखेंगे कि उस वॉशरूम से रात को ये आवाज़ें क्यों आती हैं।

  एक ग्रुप में लड़कियाँ वॉशरूम की तरफ आगे बढ़ती हैं, एक लड़की ने दरवाज़े को धक्का दिया और जो देखा उसके कारण पाँच लड़कियाँ वहीं बेहोश हो गई। उन्होंने देखा कि वॉशरूम में एक लड़की कपड़े धो रही थी उसका शरीर पूरी तरह से काला था और उसके कपड़े पुराने और खराब से थे। दरवाज़ा खुलते ही वो ज़ोर से चिल्लाई और पल भर में वहां से गायब हो गई मानो वहां कोई था ही नहीं।

हॉस्टल में अफरा तफरी मच गई और वार्डन तथा  सुरक्षा गार्ड इकठ्ठा हो गए। बेहोश लड़कियों को जल्दी से हॉस्पिटल ले जाया गया,  बाकी लड़कियों ने पूरी रात कॉलेज ग्राउंड में गुजारी। सुबह होते ही पूरा कॉलेज प्रशासन कॉलेज में इकठ्ठा हो गया। कॉलेज के एमडी ने लड़कियों से वादा किया कि वो तुरंत इसका कोई समाधान निकालेगा ।

दो तीन दिनों के लिए लड़कियों को पास के कुछ होटलों में शिफ्ट कर दिया गया। एक तांत्रिक को बुलाया गया और उसने  हॉस्टल का शुद्धिकरण किया। उसने कहा कि अगर इस आत्मा को यहां से अब भी न निकाला जाता तो ये बड़ा नुक्सान कर सकती थी। काफ़ी समय से यहाँ रहने के कारण ये आत्मा बहुत शक्तिशाली होती जा रही थी या वो इसी जगह को अपना घर मान बैठी थी। पूरा दिन उसकी आत्मा की शांति के लिए पाठ किया गया. कुछ दिन हॉस्टल को बंद रखा गया और कुछ दिनों बाद लड़कियों को एक बार फिर से हॉस्टल वापस लाया गया।

रूही ने बताया कि उस दिन के बाद हॉस्टल से कभी कोई आवाज़ नहीं आई। उस भूतिया वॉशरूम में हमेशा के लिए ताला लगा दिया गया था।

तो ये थी दो सच्ची bhoot ki kahaniyan आपको ये bhoot ki kahaniyan कैसी लगी आप कमेंट करके जरूर बताना अगर आपके पास भी ऐसी कोई bhoot ki kahaniyan हैं तो आप contact us  सेक्शन में जाके अपनी bhoot ki kahaniyan हमें भेज सकते हैं हम आपकी bhoot ki kahaniyan जरूर लोगो तक पहुंचाएंगे |

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